By Pooja Shripal Last Updated:
'बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज' (बीएसई) के संस्थापकों में से एक पुरभूदास जीवनदास कोठारी के परपोते हेमेंद्र कोठारी (Hemendra Kothari) इंडिया के फेमस इन्वेस्टमेंट बैंकर और भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं, जो अपने परिवार की 150 साल पुरानी विरासत को संभाले हुए हैं। इसके अलावा, मुंबई बेस्ड निवेश बैंकर ने फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट के क्षेत्र में अपनी एक खास जगह बनाई है।
अपने 54 सालों के लंबे करियर में हेमेंद्र कोठारी ने एक कपड़ा मिल में असिस्टेंट सेल्स मैनेजर के रूप में काम करने से लेकर अपने पिता की कंपनी में भागीदार बनने तक, कई उपलब्धियां हासिल की हैं। कोठारी अब 'डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स' के अध्यक्ष हैं, जो 'फोर्ब्स' के अनुसार, एक इंडिपेंडेंट इंडियन परिसंपत्ति (Asset) मैनेजमेंट कंपनी है, जिसके पास मैनेजमेंट के तहत 15 अरब डॉलर की संपत्ति है।
कोठारी के दिवंगत परदादा पुरभूदास जीवनदास कोठारी 'बीएसई' के संस्थापकों में से एक थे, जिन्होंने 1895 में प्रेमचंद रॉयचंद के साथ मुंबई के एक बरगद के पेड़ के नीचे (अब प्रतिष्ठित दलाल स्ट्रीट में) भारतीय स्टॉक एक्सचेंज (दुनिया का दसवां सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज) की स्थापना की थी।
मुंबई के 'सिडेनहैम कॉलेज' से ग्रेजुएट होने के ठीक बाद हेमेंद्र कोठारी ने 22 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया था। 'मनी लाइफ' के साथ एक साक्षात्कार में कोठारी ने बताया था कि उस समय उनके पिता ने उन्हें स्टॉक एक्सचेंज में न जाने की सलाह दी थी, क्योंकि यह बहुत दिलचस्प जगह नहीं थी। अपने पिता की सलाह मानते हुए उन्होंने कपड़ा उद्योग में काम करना शुरू कर दिया था।
1969 में अपने परिवार की फर्म-'D.S. Purbhoodas & Co' के साथ फाइनेंस में अपना करियर शुरू करने से पहले उन्होंने दो साल तक सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक वहां काम किया था। उसी साल जब फॉरवर्ड ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और जब भारत में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था, वह साल उनके लिए काफी मुश्किल रहा था। इस बारे में उन्होंने 'हार्वर्ड बिजनेस स्कूल' के साथ अपने साक्षात्कार में जिक्र किया था।
साल 1975 में तेजी से आगे बढ़ते हुए कोठारी ने 'डीएसपी फाइनेंशियल कंसल्टेंट्स' (फाइनेंशियल सर्विस फर्म) की स्थापना की थी और 2005 व 2009 के बीच अपनी 57 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर सफलतापूर्वक बाहर निकलने से पहले 1995 में 'बैंक ऑफ अमेरिका' के एक अमेरिकन इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और वेल्थ मैनेजमेंट डिवीजन 'मेरिल लिंच' के साथ साझेदारी की थी।
'फोर्ब्स' के अनुसार, मुंबई के सबसे अमीर लोगों में से एक माने जाने वाले हेमेंद्र कोठारी की कुल संपत्ति लगभग 1.4 बिलियन डॉलर (लगभग 11.5 हजार करोड़ रुपए) है, जो उन्हें दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में 2,140वें स्थान पर रखती है। (Mukesh Ambani से Gautam Adani तक, जानें भारत के टॉप 10 अमीर बिजनेसमैन की नेट वर्थ)
हेमेंद्र कोठारी की पर्सनल लाइफ की बात करें, तो वह अपने परोपकारी कार्यों के लिए जाने जाते हैं, जो 'डीएस कोठारी अस्पताल' चलाते हैं। उनका एक संस्थान भी है, जो 45 छात्रों को भोजन और आवास प्रदान करता है। वह नासिक में एक स्कूल भी चलाते हैं, जहां कम आय वाले परिवारों से आने वाली लड़कियों को मुफ्त में शिक्षा मिलती है।
इसके अलावा, कोठारी वन्यजीव संरक्षण ट्रस्ट भी चलाते हैं, जो भारत के बाघों की रक्षा करता है और 15 राज्यों में 82 राष्ट्रीय उद्यानों व अभ्यारण्यों के साथ काम करता है। उन्होंने अपने मुंबई ऑफिस में 'मीटिंग रूम्स' का नाम भी बाघ अभयारण्यों के नाम पर रखा है।
इन्वेस्टमेंट बैंकर को कला का भी शौक है, जिसे वह अपने मुंबई ऑफिस में गर्व से प्रदर्शित करते हैं। उनकी तरह उनकी बेटी अदिति कोठारी देसाई भी फाइनेंस के फैमिली बिजनेस में उनके नक्शेकदम पर चलते हुए 'डीएसपी' में वाइस चेयरपर्सन और हेड ऑफ सेल बनीं।
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