80 के दशक की फेमस अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे (Padmini Kolhapure) का जन्म 1 नवंबर 1965 को एक महाराष्ट्रियन परिवार में हुआ था। पद्मिनी कोल्हापुरे ने 10 साल की उम्र में फिल्म 'इश्क इश्क इश्क' से बतौर बाल कलाकार के रूप में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उन्हें 1980 में आई फिल्म 'इंसाफ का तराजू' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए 'फिल्मफेयर पुरस्कार' से नवाजा गया था। वह अपने समय की सबसे चर्चित और अमीर अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं।
साल 1986 में फिल्म 'ऐसा प्यार कहां' की शूटिंग के दौरान पद्मिनी कोल्हापुरे की मुलाकात फिल्म प्रोड्यूसर प्रदीप शर्मा से हुई थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया था। पद्मिनी उस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के साथ मुख्य भूमिका निभा रही थीं। हालांकि, पद्मिनी के परिवार ने उनके प्रेम और प्रदीप के साथ उनकी शादी का समर्थन नहीं किया। इसलिए, उनके पास प्रदीप से शादी करने के लिए घर से भागने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा था।
(ये भी पढ़ें- 'FIR' फेम विपुल रॉय की मंगेतर मेलिस संग शादी की तारीख आई सामने, जानें कपल का पूरा वेडिंग प्लान)
हाल ही में, पद्मिनी कोल्हापुरे और उनकी सबसे अच्छी दोस्त पूनम ढिल्लों ने सिंगिंग रियलिटी शो 'सा रे गा मा पा' में शिरकत की थी। शो के दौरान पूनम ढिल्लों ने खुलासा किया कि, जब पद्मिनी कोल्हापुरे शादी करने के लिए घर से भागी थीं, तो उन्होंने उनके लिए शादी के जोड़े और ज्वेलरी का इंतजाम किया था। पूनम ने कहा, “साधारण शब्दों में कहें, तो पद्मिनी ने भाग कर शादी की थी और जो भी ज्वेलरी उसने शादी में पहनी थी, वो मैंने उन्हें दिया था। हम सब इतने छोटे थे और हमें नहीं पता था कि, वह अपनी शादी के लिए क्या पहनेंगी, लेकिन फिर हमने किसी तरह उसकी व्यवस्था की थी। हमने एक साथ बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं। मेरा मानना है कि, परिवार भगवान द्वारा चुना जाता है, लेकिन एक ऐसा रिश्ता है, जिसे हम अपने लिए खुद चुनते हैं और वह है दोस्ती। मैं इस दोस्ती के लिए कुछ भी कर सकती हूं।"
जिसके बाद यह सुनकर पद्मिनी ने पूनम की जमकर तारीफ की और कहा कि, उन्होंने उनकी बहुत मदद की है। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमारी दोस्ती के लिए बहुत कुछ किया है। जब मेरे माता और पिता मेरी शादी के लिए तैयार नहीं थे, पूनम ने उस समय मेरी बहुत मदद की थी।"
(ये भी पढ़ें- क्या मौनी रॉय गोवा में मना रही थीं अपनी बैचलरेट पार्टी? दोस्तों के साथ वायरल तस्वीरों में मिला संकेत)
इसके अलावा पद्मिनी ने बताया कि, बड़ी बहन शिवांगी कपूर और उनके जीजा शक्ति कपूर हमेशा प्रदीप शर्मा के साथ उनकी शादी के पक्ष में थे। शक्ति कपूर ने उन दोनों को भाग कर शादी करने में मदद भी की थी। 'फिल्मफेयर' के साथ एक इंटरव्यू में, पद्मिनी ने अपनी शादी के बारे में बात की थी और कहा था, "प्रदीप से मेरी शादी के लिए शिवांगी और शक्ति पूरी तरह तैयार थे। मैने और प्रदीप ने 1986 में निर्माता अशोक ठकेरिया के घर (पूनम ढिल्लों के पूर्व पति) शादी की थी। शिवांगी उस समय प्रेग्नेंट थीं और उन्हें आराम करने की सलाह दी गई थी, इसलिए वो नहीं आ पाई थीं। हां, मेरे माता-पिता उस समय इस शादी के खिलाफ थे लेकिन वो बाद में मान गए। मैं अपने बेटे प्रियांक के जन्म के बाद उनके साथ रहने लगी। मुझे खुशी है कि, मेरा बेटा उन संस्कारों के साथ बड़ा हुआ।"
हालांकि, पद्मिनी बताती हैं कि, उन्हें ऐसा लगता है कि, अगर वह अपने माता-पिता की मंजूरी का इंतजार करतीं तो चीजें अलग होतीं। उसी इंटरव्यू में, अभिनेत्री ने आगे व्यक्त किया कि, उनके जीवन का सबसे बड़ा अफसोस उनका अपने प्यार के साथ भागकर शादी करना और उनके माता-पिता को चोट पहुंचाना था। पद्मिनी ने कहा, "मेरा जीवन में एकमात्र अफसोस मेरे माता-पिता को चोट पहुंचाना और मेरी इस तरह से शादी करना है। ये दुख था, है और रहेगा... मेरी शादी के बाद, एक लड़की आई और मुझसे कहा कि, वह भी शादी करने के लिए भागना चाहती है। मैंने उससे कहा 'रुको, अपने माता-पिता को मनाने की कोशिश करो, उन्हें चोट मत पहुंचाओ'। माता-पिता बनने के बाद आपको इसका एहसास होता है।"
(ये भी पढ़ें- 'रक्षाबंधन' फेम नायरा बनर्जी ने निशांत मलकानी संग रिश्ते पर की बात, कहा- 'अब शादी करना चाहती हूं')
फिलहाल, हमें पद्मिनी कोल्हापुरे के जीवन से जुड़ी ये कहानी बेहद पसंद आई। वैसे, आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।