By Shivakant Shukla Last Updated:
हाईजैक फ्लाइट 'IC 814' की भयावहता आज भी अनगिनत भारतीयों के दिलों में ताजा है, जिन्होंने हर यात्री की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की थी। यह 24 दिसंबर 1999 का दिन था, जब पांच आतंकवादियों ने इंडियन एयरलाइंस के फ्लाइट को हाईजैक कर लिया था, जिसमें 170 से ज़्यादा यात्री सवार थे। आतंकवादियों ने यात्रियों को एक हफ़्ते से ज़्यादा समय तक बंधक बनाए रखा था। जहां भारत सरकार बंधकों को रिहा करने में सफल रही, वहीं एक यात्री रूपिन कात्याल की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई थी।
हाल ही में, 'नेटफ्लिक्स' पर रिलीज हुई अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' (जिसमें विजय वर्मा, दीया मिर्ज़ा और पत्रलेखा मुख्य भूमिका में हैं) इस दिल दहला देने वाली रियल लाइफ की घटना को फिर से दिखाती है, जो यात्रियों और उनके परिवारों (जिसमें कई भारतीय भी शामिल हैं) की पीड़ा को चित्रित करने की कोशिश करती है, जो इस भीषण घटना के गवाह बने।
रचना कात्याल हाईजैक फ्लाइट IC-814 में 20 वर्षीय न्यूली मैरिड पैसेंजर थीं। वह अपने पति रूपिन कात्याल के साथ काठमांडू से लौट रही थीं। यह कपल हनीमून पर था, जब 1999 में वे अपनी शादी के सिर्फ़ 21 दिन बाद बंधक बन गए थे। वेब सीरीज़ में रेणुका पुरोहित ने रचना कात्याल का किरदार खूबसूरती से निभाया है।
रूपिन कात्याल एक सफल बिजनेसमैन थे। 3 दिसंबर 1999 को उन्होंने सोनीपत के गुहाना की रचना कात्याल से शादी की थी। एक पुरानी मीडिया बातचीत में रचना ने खुलासा किया था कि जब उनके माता-पिता ने उनकी शादी तय की थी, तब वह सिर्फ़ बीस साल की थीं।
रूपिन से अपनी पहली मुलाकात के बारे में बताते हुए रचना ने बताया था कि उनके माता-पिता ने उन्हें इसलिए चुना था, क्योंकि वह पढ़े-लिखे, बुद्धिमान और बहुत अच्छे स्वभाव के थे। उन्होंने यह भी बताया था कि पहली मुलाकात में ही उन्हें रूपिन कैसे पसंद आ गए। उनके शब्दों में, "मैं रूपिन से मिली और तुरंत ही उन्हें पसंद कर लिया। उनके साथ घुलना-मिलना बहुत आसान था और 3 दिसंबर 1999 को हमारी शादी होने से पहले हम कई बार साथ में घूमने गए थे।"
रूपिन कात्याल की अपहरण के पहले ही दिन हत्या कर दी गई थी, जब उन्हें नौ अन्य यात्रियों के साथ बिजनेस क्लास में ले जाया गया था। रूपिन (जो अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे) की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। जब दुबई में विमान से उनका शव उतारा गया और रचना को उनकी मौत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्हें लगा था कि वह दुबई के किसी अस्पताल में है।
रचना के परिवार और ससुराल वालों ने उन्हें मीडिया की नजरों और उनके पति रूपिन की मौत की खबर से दूर रखने की कोशिश की थी। जैसे ही वह उतरीं, उनके ससुर ने उन्हें बताया कि रूपिन अस्पताल में है और उन्हें जल्दी से घर ले गए। उन्होंने अपने पति की क्रिया भी नहीं देखी थी और बहुत बाद में उन्हें उनकी मौत के बारे में बताया गया।
रचना इतनी पागल हो गई थीं कि उनके ससुर को उन्हें सच बताना पड़ा। उस पल को याद करते हुए एक बातचीत में रचना ने कहा था, "जब मैं बार-बार रूपिन के बारे में पूछती रही और वे इसे और टाल नहीं पाए, तभी मुझे सच बताया गया। मुझे लगता है कि मैं पागल हो रही थी, इसलिए मेरे ससुर ने आखिरकार रूपिन की एक बड़ी तस्वीर की ओर इशारा किया और टूटे हुए स्वर में मुझसे कहा, "यह तुम्हारा रूपिन है। हमारे पास उनके बारे में बस इतना ही है।"
रूपिन कात्याल की मृत्यु के बाद उनके ससुर ने रचना कात्याल को गोद ले लिया। उनके ससुर ने उनके लिए नौकरी मांगी और वह इंडियन एयरलाइंस के कार्मिक विभाग में शामिल हो गईं। नौकरी ने उन्हें जीवन में वापस लाने में मदद की और उनके ससुराल वालों ने ही उन्हें शादी करने की सलाह दी। 2001 में रचना ने दोबारा शादी कर ली और 2002 में उन्होंने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया। एयरलाइंस के अधिकारी के अनुसार, रचना ने अपना अंतिम नाम बदलकर अपने दूसरे पति के नाम पर रख लिया, जो एक एमएनसी में काम करते हैं।
फिलहाल, रचना कात्याल और रूपिन कात्याल की इस स्टोरी के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।